सीएम और मंदिर सुरक्षा को लेकर एजेंसियां मुस्तैद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में किसी तरह की चूक न हो इसके लिए स्थानीय खुफिया एजेंसियां मुस्तैद हैं। गुरुवार को एलआईयू की टीम ने गोरखनाथ मंदिर पहुंच कर सुरक्षा का जायजा लिया। उधर, एडीजी जोन दावा शेरपा ने कहा कि समय-समय पर सुरक्षा की जांच होती रहती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आतंकियों की हिट लिस्ट में हैं। गोरखनाथ मंदिर स्थित उनके आवास तथा मंदिर परिसर में उनके पास तक आसानी से लोग पहुंच जाते हैं। आतंकी खतरे को देखते हुए समय-समय पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी होती रहती है। इसी क्रम में अब ऐसे लोगों की एक टीम बनाई जा रही है जो अपरिचत लोगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचने से पहले रोकेंगे। ये मंदिर से जुड़े लोग होंगे जो परिचित लोगों की पहचान कर सकेंगे।
मंदिर सुरक्षा प्रभारी एडीजी जोन दावा शेरपा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा देश की प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं। इसलिए अन्य प्रदेशों से भी समय-समय पर उनकी सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं साझा होती रहती हैं इसके पीछे मंशा यह है कि सुरक्षा में समय-समय पर बदलाव करते हुए उसे और पुख्ता किया जाए।
ढाई महीने बाद भी नहीं बन पाया आईकार्ड
मुख्यमंत्री तक पहुंचने वाले पत्रकारों का ढाई महीने पहले से आईकार्ड बनाया जा रहा है। इसके पीछे मंशा मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करना है। मुख्यमंत्री तक पहुंचने वाले पत्रकारों का गोरखपुर पुलिस पूरा रिकार्ड रखना चाहती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोरखनाथ मंदिर परिसर में पत्रकार के नाम पर कोई भी मुख्यमंत्री तक आसानी से पहुंच जाता है। पुलिस की कोशिश है कि उनके द्वारा जारी आईकार्डधारक पत्रकार ही वहां तक पहुंच सकें। इसके लिए एलआईयू के जरिये पत्रकारों की डिटेल जानकारी जुटाई गई है। हालांकि अभी तक आईकार्ड जारी नहीं हो पाया है।
इस प्रकार बरती जा रही है सतर्कता
खुफिया एजेंसियों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले की गोपनीय सूचना के बाद से पुलिस पिछले दो महीने से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सुरक्षा बल का विशेष इंतजाम के अलावा आने-जाने वाले लोगों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री के गोरखपुर आने पर सुरक्षा की निगरानी के लिए एक एडिशनल एसपी के साथ चार सीओ की 12-12 घंटे की ड्यूटी लगाई जा रही है। इसमें दो सीओ मंदिर के अंदर और दो बाहर की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखते हैं। इसके अलावा रात 10 बजे के बाद मंदिर परिसर बाहरी लोगों के आवागमन पर भी रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं को भी 10 बजे के बाद मंदिर परिसर में रहने की अनुमति नहीं होती है। मंदिर परिसर में स्थित धर्मशाला में ठहरने वालों लोगों पर भी नजर रखी जाती है। अब पिछले दो माह से धर्मशाला के कमरों में मंदिर प्रशासन की अनुमति के बाद ही किसी को रुकने की अनुमति दी जाती है।